5. रोग विश्लेषण

कुंडली में योगकारक तथा मारक ग्रह कैसे देखें ?

कुंडली में योगकारक तथा मारक ग्रह कैसे देखें ? योग करक ग्रह की परिभाषा : योग करक ग्रह कुण्डली में अच्छे घर का मालिक होता है l यह ग्रह जहाँ बैठता है, जहाँ देखता है और जहाँ जाता है उन घरों की वृद्धि करता है I एक योग कारक ग्रह भी मारक (शत्रु) बन सकता …

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मीन लग्न कुण्डली में रोगों का विश्लेषण

सूर्य देव इस लग्न कुण्डली में 6th भाव के स्वामी होने के कारण रोगेष हैं l इस लग्न कुण्डली वाले जातक को सूर्य का रत्न माणिक धारण करना वर्जित माना जाता है l सूर्य देव के दान व पाठ करके जातक रोगों को कम कर सकता है l सूर्य देव को जल देकर भी रोगों …

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कुम्भ लग्न कुण्डली में रोगों का विश्लेषण

चंद्र देव इस लग्न कुण्डली में रोगेष हैं l वह शनि देव के अति शत्रु हैं l इस लग्न वालों को चंद्र देव का रत्न मोती पहनना वर्जित माना जाता है l चन्द्रमा के दान करके जातक रोगों को कम कर सकता है l Learn Astrology in just 7 – 10 days : रोगों  के …

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मकर लग्न कुण्डली में रोगों का विश्लेषण

बुध देव इस लग्न कुण्डली मे रोगेष होने के साथ अधिपति नवमेष भी हैं l तीसरे (नीच के), छठे , आठवें और बारहवें भाव में स्थित  उदय अवस्था के बुध देव का रत्न पन्ना कभी भी धारण नहीं किया जाता क्योँकि वह रोगों को बढ़ा देगा l इन घरों मे स्थित उदय बुधदेव के दान …

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धनु लग्न कुण्डली में रोगों का विश्लेषण

शुक्र देव इस लग्न कुण्डली के रोगेष भाव के स्वामी हैं l इस लग्न में शुक्र देवता का रत्न हीरा, ओपल या जरकन पहनना अति वर्जित माना जाता है क्योँकि वह रोगों को बढ़ावा देंगे l शुक्र देवता के दान पाठ करके ही रोगों को कम किया जा सकता है l Learn Astrology in just …

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वृश्चिक लग्न कुण्डली में रोगों का विश्लेषण

मंगल देव इस लग्न कुण्डली में रोगेष के साथ – साथ लग्नेष भी हैं l 3rd , 6th , 8th , 9th (नीच का ) और 12वें भाव में अगर उदय अवस्था के मंगल देव स्थित हैं तो उनका रत्न मूंगा नहीं पहना जाता है l सिर्फ मंगल देव के दान करके ही रोगों को कम …

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तुला लग्न कुण्डली में रोगों का विश्लेषण

बृहस्पति देवता इस लग्न कुण्डली मे 6th भाव के स्वामी होने के कारण रोगेश हैं l वह लग्नेश शुक्र देवता के शत्रु पार्टी के हैं l इस जन्म लग्न कुण्डली वाले जातकों को पुखराज धारण करना वर्जित माना जाता है l बृहस्पति के दान और पाठ करके जातक रोगों को कम कर सकते हैं l …

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कन्या लग्न कुण्डली में रोगों का विश्लेषण

शनि देव इस लग्न कुण्डली में रोगेष हैं पर साथ – साथ अधिपति पंचमेष भी हैं l उदय अवस्था के शनि देव यदि 3rd , 6th , 8th और 12th  भाव  मे स्थित है तो उनके दान – पाठ करके रोगों को कम किया जा सकता है l इन भावों में पड़े शनि देव का …

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सिंह लग्न कुंडली में रोगों का विश्लेषण

शनि देवता इस लग्न कुण्डली में रोगेष हैं वह लग्नेश सूर्य देव के शत्रु हैं l इस लग्न कुण्डली वाले जातकों के लिए शनि का रत्न नीलम पहनना वर्जित माना जाता है l शनि के दान करके जातक रोगों को कम कर सकता है l शनि का पाठ भी रोगों को कम करने मे सहायक …

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कर्क लग्न कुंडली में रोगों का विश्लेषण

इस लग्न कुण्डली मे 6th भाव के स्वामी बृहस्पति देवता हैं l वह नवम भाव के स्वामी भी हैं l अगर बृहस्पति देवता उदय अवस्था के 3rd , 6th , 7th (नीच के), 8th और 12th भाव में स्थित हैं तो उनका दान करके रोगों को कम किया जाता है l अस्त अवस्था के बृहस्पति किसी …

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