7. कुण्डली मिलान

मेष लग्न में मंगल के फल

मेष लग्न में मंगल के फल: मेष लग्न की कुण्डली में मंगल 1st (लग्न) भाव का स्वामी तथा 8th भाव का स्वामी है क्यूँकि मंगल की दो राशियाँ होती हैं – मेष राशि (१) तथा वृश्चिक राशि (8) l लग्न भाव का स्वामी होने के कारण यह कुण्डली का सबसे पहला योग कारक ग्रह माना …

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कुंडली में योगकारक तथा मारक ग्रह कैसे देखें ?

कुंडली में योगकारक तथा मारक ग्रह कैसे देखें ? योग करक ग्रह की परिभाषा : योग करक ग्रह कुण्डली में अच्छे घर का मालिक होता है l यह ग्रह जहाँ बैठता है, जहाँ देखता है और जहाँ जाता है उन घरों की वृद्धि करता है I एक योग कारक ग्रह भी मारक (शत्रु) बन सकता …

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Kundli Milan, Happy Married Life & Gun Milan Kaise Kare

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मांगलिक योग देखने में 95% ज्योतिषी गलती क्यों करते हैं ?

मांगलिक योग : सर्वप्रथम यह जानना आवश्यक है कि ‘मांगलिक’ का सही अर्थ क्या है और यह हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करता है l वास्तव में किसी भी कुण्डली में ‘मांगलिक’ एक दोष नहीं है अपितु योग माना जाता है l परन्तु बहुत से ज्योतिषी ‘मांगलिक दोष’ कहकर लोगों के मनों को डर और …

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मीन लग्न और मांगलिक योग

1. प्रथम भाव में मंगल : मीन लग्न की कुण्डली में यदि मंगल देवता लग्न में विराजमान हों तो जातक मांगलिक नहीं होता है क्यूंकि यहाँ पर मंगल ग्रह कुण्डली के योगकारक ग्रह हैं जिसकी सातवें भाव पर पड़ रही सातवीं दृष्टि जातक को खुशहाल और स्वस्थ वैवाहिक जीवन जीने में सहायता करती है I …

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कुम्भ लग्न और मांगलिक योग

1. प्रथम भाव में मंगल : कुम्भ लग्न की कुण्डली में यदि मंगल देवता लग्न में विराजमान हों तो जातक मांगलिक होता है I इस कुण्डली में मंगल ग्रह एक कारक ग्रह नहीं है इसलिए इसकी सातवीं दृष्टि वैवाहिक जीवन में परेशानी पैदा करेगी I Learn Astrology in just 7 – 10 days : 2. …

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मकर लग्न और मांगलिक योग

1. प्रथम भाव में मंगल : मकर लग्न की कुण्डली में यदि मंगल देवता लग्न में विराजमान हों तो जातक मांगलिक नहीं होता है क्यूंकि यहाँ मंगल ग्रह उच्च के होते हैं I उच्च राशि को कोई भी ग्रह त्रिकोण या केंद्र में स्थित हो तो बुरा न करने के लिए बाध्य होता है I …

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धनु लग्न और मांगलिक योग

1. प्रथम भाव में मंगल : धनु लग्न की कुण्डली में यदि मंगल देवता लग्न में विराजमान हों तो जातक मांगलिक नहीं होता है क्यूंकि यहाँ पर मंगल ग्रह त्रिकोण का स्वामी, लग्नेश बृहस्पति का मित्र, होने के कारण अति योगकारक ग्रह हैं जिसकी सातवें भाव पर पड़ रही सातवीं दृष्टि जातक को खुशहाल और …

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वृश्चिक लग्न और मांगलिक योग

1. प्रथम भाव में मंगल : वृश्चिक लग्न की कुण्डली में यदि मंगल देवता लग्न में विराजमान हों तो जातक मांगलिक नहीं माना जाता है क्यूंकि लग्न में स्वः राशि पड़ा मंगल रुचक नामक पंचमहापुरुष योग बनाता है I अति योगकारक मंगल ग्रह की सातवीं दृष्टि वैवाहिक जीवन में खुशहाली एवं सम्पन्नता लाती है I …

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तुला लग्न और मांगलिक योग

1. प्रथम भाव में मंगल : तुला लग्न की कुण्डली में यदि मंगल देवता लग्न में विराजमान हों तो जातक मांगलिक नहीं माना जाता है क्यूंकि मंगल ग्रह की सातवीं दृष्टि उसके अपने भाव (सातवें भाव) पर पड़ती है I पराशर थ्योरी के अनुसार कोई भी ग्रह अपने भाव का बुरा नहीं करता है I …

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