ग्रहों की युति से बनने वाले राजयोग

योग विवेचन :

दो ग्रहों का एक साथ बैठना ही योग कहलाता है l एक साथ बैठने को युति कहते हैं l यह योग कुण्डली के अनुसार अच्छा या बुरा होता है l

ग्रहों की युतियां:

  • हर कुण्डली में दो या तीन ग्रहों की युति अवश्य होती है l
  • कुण्डली के किसी भाव में यदि योग कारक ग्रह की युति योग कारक के साथ है तो दोनों का बल बढ़ जाता है  l
  • कुण्डली के किसी भाव में दो योग कारक ग्रह एक साथ बैठे है और उनका बल कम है या कोई एक ग्रह अस्त है तो उनके शुभ योग के फल में कमी आती है l

किसी भाव में योग कारक ग्रह की युति यदि मारक ग्रह के साथ है तो दोनों में से यदि योग कारक ग्रह का बल ज्यादा है तो वह मारक ग्रह के मारकत्व को कम कर देता है l यदि मारक ग्रह का बल ज्यादा है तो वह योग कारक ग्रह के कारकत्व को कम कर देता है l

  • उच्च ग्रह की युति यदि नीच ग्रह के साथ है और उच्च ग्रह का बल ज्यादा है तो नीच ग्रह की नीचता भंग हो जाती है l

योग कारक ग्रह की युति यदि मारक ग्रह के साथ है तो वह कोई भी शुभ योग नहीं बनाती l एक योग करक गृह और मारक गृह की युति कभी भी राजयोग नहीं बनाती है I

Learn Astrology in just 7 – 10 days :

ग्रहों की युति से बने योग:

Live Chat Support:

Timings: 11:00 AM to 5:00 PM

For Appointment:

Download “Kiara Astrology App” From Google Play Store and Give your Ratings & Feedback.

1 thought on “ग्रहों की युति से बनने वाले राजयोग”

Leave a Comment