गोचर (Transit) का विवेचन

  • गोचर का अध्यन किये बिना किसी भी नतीजे पार पहुंचना कठिन (असंभव) होता है l गोचर को सदा लागू करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि गोचर जन्म लग्न कुण्डली का आधार होता है l और वह जन्म लग्न कुण्डली पर ही लागू किया जाता है l
  • अगर ग्रह जन्म लग्न  कुण्डली में अच्छा तो गोचर में कहीं भी जायेगा तो शुभ फल ही देगा अगर जन्म लग्न कुण्डली में बुरा है तो गोचर में कहीं भी जायेगा तो अशुभ फल देगा l
  • जन्म लग्न कुण्डली में ग्रह जिस क्षमता का पड़ा होगा गोचर में वह उसी क्षमता के अनुसार फल देगा I चाहे गोचर में उसकी क्षमता में रोज बदलाव होता हो I

जन्म लग्न कुण्डली ही गोचर का आधार है I

  • दो ग्रहों का गोचर (शनि और बृहस्पति) बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं I
  • शनि देव (समय का कारक) है I किसी भी कार्य का होना शनि देव निर्धारित करते हैं I
  • बृहस्पति देव देवताओं के गुरु हर कार्य के होने कि आज्ञा देते हैं I

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ग्रहों का एक राशि में समय:

  • सूर्य  देव    –> एक महीना
  • चन्द्र देव    –> 56 घंटे
  • मंगल देव    –> 40 से 45 दिन
  • बुध देव    –> 28 से 30 दिन
  • बृहस्पति देव  –> 13 महीने
  • शुक्र देव    –> 40 दिन
  • शनि देव    –> 2.5 साल (or) 30 महीने
  • राहु देव  –> 1.5 साल (or) 18 महीने
  • केतु देव   –> 1.5 साल (or) 18 महीने
  • सूर्य एक महीने में एक राशि बदलता है अर्थात एक भाव से दूसरे भाव में चला जाता है I जिस दिन संक्रांति होती है उस दिन सूर्य अपनी राशि बदलता है I
  • जिस संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेंश करता है उसे मकर संक्रांति कहते हैं I
  • सभी ग्रह अपना समय एक राशि में बिताकर दूसरी राशि में चले जाते है I
  • चन्द्रमा सबसे तेज़ गति से चलने वाला ग्रह है I
  • चन्द्रमा 12 राशियों का भ्रमण 27 दिन में करते हैं जबकि शनि देव 12 राशियों का भ्रमण करने में 30 साल का समय लेते हैं I

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2 thoughts on “गोचर (Transit) का विवेचन”

  1. Rajesh Sharma

    pranam sir, Often astrologers convert gochar chart in moon chart for gochar prediction.while you suggest lagna chart. why? kindly explain.

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