Solution of Problems by Somvir Singh

Solution of Problems :

मैं, सोमवीर सिंह, अपने सभी पाठकों का दिल से हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ । Kiara Astrology के माध्यम से आप सभी को ग्रहों के प्रभाव की जानकारी देने का प्रयास कर रहा हूँ ।

हमारे सूर्यमण्डल में अनगिनत ग्रह हैं जिनमे से 9 ग्रह ऐसे हैं जिनका प्रभाव सम्पूर्ण मानव जाति पर पड़ता है, सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि (वास्तविक ग्रह) और राहु, केतु (छाया ग्रह) इन सभी ग्रहों से हमारे शरीर पर किरणें पड़ती हैं और हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं ।

कुछ ग्रहों से हमारे शरीर पर सकारात्मक किरणें पड़ती हैं और कुछ ग्रहों से नकारात्मक किरणें पड़ती हैं । सकारात्मक किरणों हमें जीवन में आगे बढ़ने में मदद करती हैं और नकारात्मक किरणें हमारे जीवन में परेशानी बढाती हैं । नकारात्मक किरणों के कारण हमारे शरीर में रोग, मानसिक परेशानी और पारिवारिक कलह कलेश बढ़ती है। यदि हम इन्ही नकारात्मक किरणों को नियंत्रित कर लें तोह हम सब अपनी परेशानियों को काफी हद तक कम कर सकते हैं ।

यदि हम अपने शरीर पर ग्रहों से आने वाली सकारात्मक किरणों को बढ़ा लेते हैं तोह हम अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं और जीवन में काफी तरक्की कर सकते हैं। यदि हम ग्रहों से आने वाली किरणों से सम्बंधित कपड़े, रत्न (महत्वपूर्ण पथ्थर) धारण करते हैं तोह हमारे शरीर पर किरणों की तीव्रता काफी बढ़ जाती है। हमें सकारत्मक किरणों को बढ़ाना है और नकारात्मक किरणों को घटाना है।

नकारात्मक किरणों को कम करने के लिए दो उपाय अपनाये जाते हैं: जल प्रवाह और दान

जल प्रवाह: हमारे शरीर पर जिस ग्रह से नकारात्मक किरणें पड़ती हैं हम उस ग्रह से सम्बंधित वस्तुओं का जल प्रवाह करते हैं । हम सभी जानते हैं कि जब भी कोई वस्तु जल में डालते हैं तो उसकी ऊर्जा शांत हो जाती है क्यूंकि यह सृष्टि का नियम है कि यदि हम आग का गोला भी पानी में डालेंगे तो वह भी शांत होकर प्रभावहीन हो जायेगा । यदि हम अपने हाथों से ग्रह से सम्बंधित वस्तुओं को जल में प्रवाह करते हैं तोह उस ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा हमारे शरीर से कम हो जाती है और हमें जीवन जीने में मदद करती हैं ।

दान-पुण्य: हमारे जीवन में दान का बहुत महत्त्व होता है जब भी हम दान करते हैं तोह कहीं न कहीं हम सामने वाले इन्सान की मदद करते हैं और साथ ही साथ अपनी भी मदद करते हैं इसलिए शास्त्रों में दान को ज्यादा महत्ता दी गई है । हम जब भी किसी ग्रह से सम्बंधित वस्तु को दान करते हैं तो इसका अर्थ यह हुआ कि जिस भी वस्तु का दान किया जाता है, उस ग्रह की किरणें हमारे शरीर से कम हो जाती हैं क्यूंकि यह भी सृष्टि का नियम है कि जो भी चीज आप बांटते हो वह आपके पास से कम हो जाती है । यह नियम रंग उपचार के नियमों में बहुत ही प्रमुख भूमिका निभाता है ।

जिस समय इन्सान का जन्म होता है उस वक्त सभी ग्रहों की किरणों का प्रभाव उसके शरीर पर पड़ता है वही प्रभाव उसकी जन्म कुंडली को दर्शाती है । यह विद्या उन्ही किरणों का प्रभाव जानकर उसके उपाय करके जातक का जीवन जीने लायक बनाती है । किरणों के प्रभाव से आपकी जो जन्म लग्न कुंडली बनती है उसी से आपके जीवन का निर्णय होता है।

भूल कर भी ऐसा कोई रत्न धारण न करें जिससे आपके शरीर पर नकारात्मक किरणें बढ़ें । रत्न का चयन करते समय सभी नियामों को ध्यान से पढ़े और लग्न कुंडली में ग्रहों के फल को पढ़ें, ग्रहों का अंश देखें, ग्रहों की स्थित लग्न कुंडली में जरूर देखें, इसके पश्चात् अस्त ग्रह देखें और बताये गए नियम के अनुसार रत्न का चयन करें ।

रत्न सदैव योगकारक ग्रह का ही धारण करें । एक योगकारक ग्रह भी अपनी स्थित के अनुसार मारक ग्रह बन जाता है । इसलिए रत्न धारण करते समय ग्रहों का अंश तथा ग्रहों की स्थित अवश्य देखें और बताये गए नियमों को अनुपालन करें ।
पितृ दोष के नाम पर भी समाज में कई भ्रम फैले हुए हैं । जो पितृगण अपनी सारी पूँजी और कमाई अपने बच्चों के लिए छोड़ गए, भला वे पितृ अपनी ही सन्तानों के लिए बुरा कैसे कर सकते हैं । उनके आशीर्वाद से तो सदैव वंशजों का भला ही हो सकता है ।

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Author & Astrologer : 

Mr. Somvir Singh (B.Tech – HBTU Kanpur, M.Tech – IIT Roorkee, Expertise in Vedic Astrology)

Best Astrologer Award in Global Business Award 2021, New Delhi from Miss Prachi Desai

Author :  Self Made Destiny (Astrology Book), ISBN: 978-93-5427-087-1 

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