2. वर्जित रत्न

जानें एक रत्न कैसे अच्छा फल देता है और कैसे बर्बाद करता है ?

रत्न पहनने का अर्थ यह है की जिस ग्रह का रत्न धारण किया जाता है उस ग्रह की किरणों का शरीर में बढ़ाना । रत्न हमेशा योग कारक और सम ग्रह का पहना जाता है जब वो अच्छे फल देने में सक्षम न हो । यदि योग कारक ग्रह कुंडली में सूर्य से अस्त हो …

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राहु देव का गोमेद रत्न समाज में रहने वाले किसी भी प्राणी को नहीं पहनना चाहिए

राहु देव का गोमेद रत्न समाज में रहने वाले किसी भी प्राणी को नहीं पहनना चाहिए क्यूंकि राहु देव के कारक तत्व गलत है I सब से बड़ा बीमारी का कारक राहुदेव है I चोरी, डकैती, लूटमार, ठगी, नशा करना, जुआरी, शराबी, अय्याशी करना, नाजायज सम्बन्ध यह सब कार्य गोमेद पहनने से बढ़ जाते हैं …

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