महत्वपूर्ण बिंदु

कुण्डली से स्वम जाने सन्तान सुख तथा सन्तान की सम्पूर्ण जानकारी

सन्तान सुख का योग विशेषकर पति की कुण्डली के पंचम भाव से देखा जाता है जिसका 70% रोल होता है तथा जातिका का इस योग के निर्धारण के लिए 30% रोल माना जाता है l सन्तान सुख योग के लिए निम्नलिखित बातें जाँची जाती हैं – पंचम भाव में कौन सी राशि आती है – …

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विवाह की बात कब चलती है ?

जातक की आयु जब विवाह योग्य हो तो उसके लिए रिश्ते आने का योग तब बनता है जब पंचम भाव के स्वामी की महादशा या अन्तर्दशा या प्रत्यन्तर्दशा चले l कुण्डली में यदि गोचर के बृहस्पति और शनि देव का कोई भी सम्बन्ध लग्न/लग्नेश से बन जाये तो भी रिश्ते आने का योग बनता है …

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घटना घटने का काल कौन से ग्रह निर्धारित करते हैं ?

घटना घटने का काल दो ग्रह निर्धारण करते हैं –     (1) शनि देव                                       (2)  बृहस्पति देव इन दोनों ग्रहों को जीवन में होने वाली हर अच्छी – बुरी घटना का कारण माना जाता है क्यूंकि शनि देव समय को चलायमान रखने वाले ग्रह हैं तथा बृहस्पति देवता हर चीज़ के लिए अनुमति प्रदान करते हैं …

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कार्तिक मास का जन्म शुभ या अशुभ ?

कार्तिक मास का मतलब यह होता है कि इस महीने में सूर्य देव तुला राशि अर्थात नीच राशि में भ्रमण कर रहे होते हैं l इसलिए इस मास में जन्मे जातकों के लिए यह मास अशुभ माना जाता है l क्यूंकि सारे ग्रह सूर्यदेव से रोशनी लेते हैं l अगर सूर्यदेव नीच राशि में आ …

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शनि देव की साढ़ेसाती और ढैया के उपाय

एक भी कारक ग्रह शनि देव के सामने आ जाए या उस कारक ग्रह की दृष्टि शनि देव पर पड़ जाए तो वह शनि देव के अशुभ प्रभाव को कम करने में सहायक होती है lपीपल को सादा जल देना चाहिए (किसी भी समय पीपल को जल दिया जा सकता है क्यूंकि पूरे ब्रह्माण्ड में …

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घर में ना लायें तोता, कबूतर, कछुआ जैसे जानवर !

कई बार लोग वास्तुशास्त्र के अनुसार घरों में कछुआ, तोता, कबूतर वगेरा जानवर रख लेते हैं l जिससे उन जानवरों की आजादी छिन्न जाती है और उसका बुरा प्रभाव परिवार पर पड़ता है l इसलिए मछलियों को तालाब पर जाकर खाना डालें और पक्षियों को छत्त पर या किसी खुले स्थान पर बाजरा वगेरा डालें …

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